आईआईटी टॉपर अर्पित की नींद कभी नहीं उड़ी
मंगलवार, 22 मई, 2012 को 11:45 IST तक के समाचार
एक ओर जहाँ सत्यम कुमार ने 12
वर्ष की उम्र में आईआईटी की परीक्षा पास करके नया रिकॉर्ड बनाया है, तो
फरीदाबाद में रहने वाले 17 वर्षीय अर्पित अग्रवाल इस साल आईआईटी के टॉपर
बने हैं.
अर्पित अग्रवाल मूल रूप से उत्तर प्रदेश के झाँसी
जिले के रहने वाले हैं. उनके पिता सिविल इंजीनियर हैं. आईआईटी में वे इसलिए
आना चाहते थे क्योंकि उनकी रुचि विज्ञान और खासकर गणित में काफी थी.अर्पित ने कहा, "उम्मीद तो मैंने नहीं की थी, लेकिन हो गया. अपनी ओर से मैंने पूरी कोशिश की थी और इसके लिए मेहनत भी की थी."
रणनीति
"नींद के साथ कभी भी समझौता नहीं करना चाहिए. अगर आपको लगता है कि आपको छह या सात घंटे सोना चाहिए, तो आपको इतने घंटे सोना चाहिए. ऐसा नहीं है कि कम सोने से आप ज्यादा पढ़ लेंगे"
अर्पित अग्रवाल
आईआईटी के लिए अर्पित ने बहुत पहले से कोई रणनीति नहीं बनाई थी. बस स्कूल की पढ़ाई और कोचिंग की पढ़ाई पर वे ध्यान केंद्रित रखते थे. लेकिन घर पर आकर हर चीज को दोहराना उनकी आदत थी.
अर्पित का कहना है कि सफलता का मूल मंत्र है एकाग्रचित्त पढ़ाई और अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखना.
वे कहते हैं, "शुरुआत में मैं कुछ खास नहीं करता था. लेकिन बाद में हर विषय को समय देने की रणनीति बनाई. समय प्रबंधन काफी अहम होता है और मैंने इसका पालन किया."
आईआईटी या इस जैसी प्रतियोगी परीक्षा के लिए अर्पित के पास खास टिप्स हैं. अर्पित कहते हैं कि नींद के साथ अन्याय नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये आपकी तैयारी के लिए घातक हो सकता है.
अर्पित बताते हैं, "नींद के साथ कभी भी समझौता नहीं करना चाहिए. अगर आपको लगता है कि आपको छह या सात घंटे सोना चाहिए, तो आपको इतने घंटे सोना चाहिए. ऐसा नहीं है कि कम सोने से आप ज्यादा पढ़ लेंगे."
लक्ष्य
"शुरुआत में मैं कुछ खास नहीं करता था. लेकिन बाद में हर विषय को समय देने की रणनीति बनाई. समय प्रबंधन काफी अहम होता है और मैंने इसका पालन किया"
अर्पित अग्रवाल
उनके पास एक और खास टिप्स है. अर्पित कहते हैं कि कभी भी लेटकर पढ़ाई नहीं करनी चाहिए. हर किसी को बैठकर ही पढ़ाई करनी चाहिए, क्योंकि परीक्षा भी तो बैठकर ही देना है.
आईआईटी में टॉप आने के बाद अर्पित कहाँ नामांकन कराएँगे, इस बारे में उन्होंने कुछ सोचा नहीं है, लेकिन ज्यादा संभावना यही है कि वे दिल्ली आईआईटी में पढ़ेंगे.
अपने लक्ष्य के बारे में भी वो फिक्रमंद नहीं. अर्पित कहते हैं अभी उन्होंने ये तय नहीं किया है आगे चलकर क्या करना है.
वे कहते हैं, "अभी इसके बारे में बहुत ज्यादा मैंने नहीं सोचा है. आईआईटी में जो चार साल मुझे मिलेंगे, उन चार सालों में मैं सबसे बातचीत करके अपने बारे में कुछ तय करूँगा."
पढ़ाई में चैम्पियन अर्पित को गाना सुनने का शौक है, वे फेसबुक पर समय बिताते हैं और बैडमिंटन भी खेलते हैं. फिल्में देखने का उन्हें पहले शौक था, लेकिन अब नहीं है.
हालाँकि ये अलग बात है कि परीक्षा की पूर्व संध्या पर उन्होंने फिल्म हम आपके हैं कौन देखी थी. अर्पित को तनाव तो नहीं था, लेकिन दिमाग में परीक्षा का ख्याल तो बार-बार आता ही थी, इसलिए उन्होंने फिल्म देखकर अपने दिमाग का बोझ कुछ हल्का किया.
Courtsey: BBC
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