Source: Prabhat Khabar
वरीय संवाददाता रांची
कोकर निवासी ऑटो चालक अभय देव सिंह का बेटा अभिषेक कुमार ने इस वर्ष आइआइटी-जेइइ एडवांस में देश में 4700वां स्थान प्राप्त किया है. अभिषेक ने बताया कि उसने दसवीं की परीक्षा डीएवी बरियातू व प्लस-टू जेवीएम श्यामली से की है. वह शुरू से ही इंजीनियर बनना चाहता था. अभिषेक ने बताया कि वह इलेक्ट्रिकल या सिविल दोनों में से किसी एक में अपना कैरियर बनाना चाहता है. स्कूल के अलावा वह प्रतिदिन छह घंटे अलग से पढ.ाई करता था. उसकी पढ.ाई में गरीबी कभी बाधा नहीं बनी. वह अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व शिक्षक को देता है. कोकर निवासी अभिषेक के पिता अभय देव सिंह ने बताया कि उनका सपना था कि बेटा इंजीनियर बने. तमाम परेशानियों के बावजूद उन्होंने बेटे की मेधा को देखते हुए उसे पढ.ाने का संकल्प लिया. कई बार ऐसा भी लगा कि उसे पढ.ा पाना संभव नहीं हो पायेगा. आर्थिक तंगी के बाद भी परेशानियों को झेलते हुए अभिषेक की जरूरतों को पूरा किया. फिटजी के फॉरच्यूनेट-40 छात्रवृति के तहत उसका चयन हुआ, जिसमें उन्हें छात्रवृति प्रदान की गयी. इससे अभिषेक की पढ.ाई और आसान हो गयी.
कोकर निवासी ऑटो चालक अभय देव सिंह का बेटा अभिषेक कुमार ने इस वर्ष आइआइटी-जेइइ एडवांस में देश में 4700वां स्थान प्राप्त किया है. अभिषेक ने बताया कि उसने दसवीं की परीक्षा डीएवी बरियातू व प्लस-टू जेवीएम श्यामली से की है. वह शुरू से ही इंजीनियर बनना चाहता था. अभिषेक ने बताया कि वह इलेक्ट्रिकल या सिविल दोनों में से किसी एक में अपना कैरियर बनाना चाहता है. स्कूल के अलावा वह प्रतिदिन छह घंटे अलग से पढ.ाई करता था. उसकी पढ.ाई में गरीबी कभी बाधा नहीं बनी. वह अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व शिक्षक को देता है. कोकर निवासी अभिषेक के पिता अभय देव सिंह ने बताया कि उनका सपना था कि बेटा इंजीनियर बने. तमाम परेशानियों के बावजूद उन्होंने बेटे की मेधा को देखते हुए उसे पढ.ाने का संकल्प लिया. कई बार ऐसा भी लगा कि उसे पढ.ा पाना संभव नहीं हो पायेगा. आर्थिक तंगी के बाद भी परेशानियों को झेलते हुए अभिषेक की जरूरतों को पूरा किया. फिटजी के फॉरच्यूनेट-40 छात्रवृति के तहत उसका चयन हुआ, जिसमें उन्हें छात्रवृति प्रदान की गयी. इससे अभिषेक की पढ.ाई और आसान हो गयी.
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